We use cookies and other technologies on this website to enhance your user experience.
By clicking any link on this page you are giving your consent to our Privacy Policy and Cookies Policy.

關於Kumbh ( कुम्भ मेला )

印度教是Kumbh節日的一個重要節日,完整的信息=一個有用的應用程序!

कुम्भ हमारी संस्कृति में कई दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। पूर्णताः प्राप्त करना हमारा लक्ष्य है, पूर्णता का अर्थ है समग्र जीवन के सात एकता, अंग को पूरे अंगी की प्रतिस्मृति, एक टुकड़े के रूप में होते हुए अपने समूचे रूप का ध्यान करके अपने छुटपन से मुक्त।

प्रमुख बिंदु=

1.परिचय.

2.इतिहास.

3.कुंभ मेले का आयोजन.

4.कुम्भ का पौराणिक महत्त्व

5.कुम्भ – परम्परा कायम क्यों ?

6.क्या होता है कल्पवास?

7.वेदों में सिंहस्थ महाकुंभ का महत्व.

8.करे ऐसे स्नान और हो जाये तेजस्वी और आयुवान.

इस पूर्णता की अभिव्यक्ति है पूर्ण कुम्भ। अथर्ववेद में एक कालसूक्त है, जिसमें काल की महिमा गायी गयी है, उसी के अन्दर एक मंत्र है, जहाँ शायद पूर्ण कुम्भ शब्द का प्रयोग मिलता है, वह मन्त्र इस प्रकार है-

पूर्णः कुम्भोधिकाल आहितस्तं वै पश्यामो जगत्

ता इमा विश्वा भुवनानि प्रत्यङ् बहुधा नु सन्तः

कालं तमाहु, परमे व्योमन् ।

इसका सीधा सा अर्थ है, पूर्ण कुम्भ काल में रखा हुआ है, हम उसे देखते हैं तो जितने भी अलग-अलग गोचर भाव हैं, उन सबमें उसी की अभिव्यक्ति पाते हैं, जो काल परम व्योम में है। अनन्त और अन्त वाला काल दो नहीं एक हैं; पूर्ण कुम्भ दोनों को भरने वाला है। पुराणों में अमृत-मन्थन की कथा आती है, उसका भी अभिप्राय यही है कि अन्तर को समस्त सृष्टि के अलग-अलग तत्त्व मथते हैं तो अमृतकलश उद्भूत होता है, अमृत की चाह देवता, असुर सबको है, इस अमृतकलश को जगह-जगह देवगुरु वृहस्पति द्वारा अलग-अलग काल-बिन्दुओं पर रखा गया, वे जगहें प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक हैं, जहाँ उन्हीं काल-बिन्दुओं पर कुम्भ पर्व बारह-बारह वर्षों के अन्तराल पर आता है बारह वर्ष का फेरा वृहस्पति के राशि मण्डल में धूम आने का फेरा है। वृहस्पति वाक् के देवता हैं मंत्र के, अर्थ के, ध्यान के देवता हैं, वे देवताओं के प्रतिष्ठापक हैं। यह अमृत वस्तुतः कोई द्रव पदार्थ नहीं है, यह मृत न होने का जीवन की आकांक्षा से पूर्ण होने का भाव है। देवता अमर हैं, इसका अर्थ इतना ही है कि उनमें जीवन की अक्षय भावना है। चारों महाकुम्भ उस अमृत भाव को प्राप्त करने के पर्व हैं।

ऐसी मान्यता है कि ब्रह्माण्ड की रचना से पहले ब्रम्हाजी ने यहीं अश्वमेघ यज्ञ किया था. दश्वमेघ घाट और ब्रम्हेश्वर मंदिर इस यज्ञ के प्रतीक स्वरुप अभी भी यहां मौजूद हैं. इस यज्ञ के कारण भी कुम्भ का विशेष महत्व है. कुम्भ और प्रयाग एक दूसरे के पर्यायवाची है.

कुंभ पर्व अत्यंत पुण्यदायी होने के कारण प्रयाग में स्नान करने से अनंत पुण्यलाभ होता है। इसीलिए यहां करोड़ों श्रद्धालु साधु संत इस स्थान पर एकत्रित होते हैं। कुंभ मेले के काल में अनेक देवी देवता, मातृका, यक्ष, गंधर्व तथा किन्नर भी भूमण्डल की कक्षा में कार्यरत रहते हैं। साधना करने पर इन सबके आशीर्वाद मिलते हैं तथा अल्पावधि में कार्यसिद्धि होती है।

आपका = योगेश कुमार अमाना .= (Yogesh Kumar Amana) Yoguru Technologies योगुरु

最新版本1.0更新日誌

Last updated on 2016年08月14日

Minor bug fixes and improvements. Install or update to the newest version to check it out!

翻譯中...

更多應用信息

最新版本

請求 Kumbh ( कुम्भ मेला ) 更新 1.0

上傳者

Wesam Kh

系統要求

Android 2.1+

Available on

Kumbh ( कुम्भ मेला ) 來源 Google Play

更多

Kumbh ( कुम्भ मेला ) 螢幕截圖

訂閱APKPure
第一時間獲取熱門安卓遊戲應用的首發體驗,最新資訊和玩法教程。
不,謝謝
訂閱
訂閱成功!
您已訂閱APKPure。
訂閱APKPure
第一時間獲取熱門安卓遊戲應用的首發體驗,最新資訊和玩法教程。
不,謝謝
訂閱
成功!
您已訂閱我們的郵件通知。